राज्य संग्रहालय, लखनऊ प्रदेश का एक प्रतिष्ठित प्राचीनतम बहुउदेश्यीय संग्रहालय है। जहाँ पुरातत्व, प्राकृतिक इतिहास, सज्जा कला, कलात्मक वस्तुएं एवं मुद्राशास्त्र से सम्बन्धित उत्कृष्ट कलाकृतियों का अदभुत संग्रह है। उक्त कलाकृतियों के संरक्षण, प्रदर्शन, शोध तथा प्रकाशन के साथ-साथ संग्रहालय द्वारा समय-समय पर अस्थाई / स्थाई प्रदर्शनी वीथिकाओं का पुनर्गठन, तकनीकी अधिकारियों / कर्मचारियों हेतु कार्यशाला प्रबुद्ध वर्ग / शोधार्थियों हेतु सेमिनार, कला अभिरूचि पाठ्यक्रम एवं अन्य विविध शैक्षिक कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किया जाता है। देश-विदेश की धरोहर से सम्बन्धित जानकारी को देश के विभिन्न अंचलों तक पहुँचाने एवं राज्य संग्रहालय, लखनऊ के तकनीकी अधिकारियों/कर्मचारियों के ज्ञान वर्धन तथा शैक्षिक कार्यक्रमों में विविधता लाये जाने के उद्देश्य से शासन की अपेक्षानुसार राज्य संग्रहालय, लखनऊ एवं देश के अन्य संग्रहालयों / संस्थाओं के मध्य एम०ओ०यू० की कार्यवाही निरन्तर की जा रही है। इसी क्रम में राज्य संग्रहालय लखनऊ एवं राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय, नई दिल्ली, के मध्य एम०ओ०यू० की कार्यवाही आज दिनांक 12 अप्रैल 2023 के पूर्वान्ह में पर्यटन भवन, गोमती नगर, लखनऊ में सम्पन्न हुयी। विदित है कि देश की स्वतन्त्रता की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर वर्ष 1972 में स्थापित प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय, नई दिल्ली पर्यावरण पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार एवं प्रकृति के संरक्षण की दिशा में निरन्तर अग्रसर है। यह संग्रहालय प्राकृतिक धरोहरों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए भारत की स्वतन्त्रता के रजत जयन्ती समारोह में राष्ट्रीय स्तर की संस्था के रूप में नामित की गयी थी। राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय, पर्यावरण शिक्षा को समर्पित संस्था है। देश की समृद्ध प्राकृतिक घरोहर और प्राकृतिक विज्ञान (भूविज्ञान वनस्पति विज्ञान और प्राणि विज्ञान) को दर्शाने और उसके महत्त्व को उजागर करने के उद्देश्य से निर्मित विषयगत प्रदर्शनी, वीथिकाएं खोज कक्ष (डिस्कवरी रूम) गतिविधि कक्ष जैसे अनुभवात्मक संसाधन केन्द्र और संस्थान द्वारा आम जनता तक पहुँचने के लिए आयोजित शैक्षिक गतिविधिया इसकी पहचान है।
राज्य संग्रहालय, लखनऊ को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय, नई दिल्ली के साथ समझौता ज्ञापन (एम०ओ०यू०) से अवश्य ही आने वाली पीढ़ी को लाभ होगा। इन दोनों संग्रहालयों के मध्य समझौता ज्ञापन के हस्ताक्षर के शुभ अवसर पर प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन, उ०प्र० शासन ने हर्ष व्यक्त किया एवं आवश्वस्त किया कि इन दोनों संग्रहालयों के मध्य एम०ओ०यू० की कार्यवाही से प्रकृति संरक्षण एवं पर्यावरण शिक्षा की दिशा । में बहुआयामी प्रयास किये जायेंगे एवं विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में स्कूल / कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभागिता की जायेगी। इसके द्वारा उन्हें प्रकृति के प्रति जागरूक करने की। एक अच्छी पहल होगी। इस अवसर पर राष्ट्रीय प्राकृतिक संग्रहालय नई दिल्ली (रा०प्र०स०) की निदेशक श्रीमती नाज रिज्वी, राज्य संग्रहालय, लखनऊ के निदेशक डॉ० आनन्द कुमार सिंह के अतिरिक्त डॉ० सी०आर० मरोष वैज्ञानिक सी रा०प्र०सं० के०एस०अत्री सीनियर एजुकेशनल असिस्टिंट, रा०प्र०सं०, सुश्री अल शाज फातमी, सहायक निदेशक प्राणिशास्त्र श्री शारदा प्रसाद त्रिपाठी, फोटो अधिकारी श्री धनन्जय कुमार राय, प्रदर्शक व्याख्याता श्री संतोष कुमार सहायक लेखाकार श्री ज्ञान चन्द्र गौड़, श्री बृजेश कुमार यादव एवं श्री विजय कुमार अवस्थी आदि मौजूद रहे।
