कानपुर बच्चों में बढ़ते अस्थमा के मरीजों के लिए आज एक होटल में कानपुर के बाल रोग विशेषज्ञों ने अस्थमा के रोकथाम के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया बच्चों में होने वाले अस्थमा की बीमारी को दूर करना और उनको किस तरह की मेडिसिन देनी है ,चर्चा की गई , प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों में होने वाले अस्थमा की बीमारी पर कई डॉक्टरों ने अपनी राय रखी अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो हमेशा शरीर में रहती हैं मगर दवा के माध्यम से कंट्रोल किया जा सकता है,इसे कैसे संतुलित किया जाए चर्चा के दौरान बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजतिलक ने बताया प्रदूषण से बच्चों को दमा की बीमारी बढ़ रही है बच्चो को सांस लेने में दिक्कत होने लगी है, बढ़ते शहरीकरण वायु प्रदूषण जीवन शैली में परिवर्तन का दुष्परिणाम ही अस्थमा का कारण है, 5 साल के बच्चो से इस बीमारी का पता चलता है,19 साल तक के बच्चो का इलाज बाल रोग विशेषज्ञ करते हैं , स्ट्राइड इनहेलर बच्चों की बीमारी के आधार पर दिया जाता है, नॉर्मल इनहेलर ही मरीजों को दिया जाता है,, अस्थमा की बीमारी जीवन में हमेशा रहती है इसे दवा के माध्यम से कंट्रोल किया जाता है ,जिससे मरीजों को दिक्कत नहीं होती, सांस के द्वारा ली जाने वाली (स्ट्राइड और फॉर्मेटोराल लाबा) का इनहेलर जिसे मार्ट थेरेपी कहते हैं अस्थमा के हर परिस्थितियों काम करती है।
अस्थमा के कारण
घर पर पिता का सिगरेट का सेवन करना।
घर पर सीलन का बना रहना
घर पर धुए का बना रहना
वायु प्रदूषण
बच्चों अस्थमा की बीमारी कैसे पहचाने
खांसी का लगातार आना सांस फूलना ,सोते समय सीटी की आवाज आना अस्थमा के कारण हो सकते हैं।
इस प्रेस वार्ता के दौरान डॉक्टर रूपा डालमिया ,डॉक्टर तिलक राज ,डॉक्टर सीतांशु श्रीवास्तव, डॉक्टर रश्मि कपूर, बहुत डॉक्टर्स जे आर और एसआर उपस्थित रहे।